भारत सरकार ने नवजात शिशुओं में होने वाले वंशानुगत रोगों के उपचार के लिए “उम्मीद” नामक एक पहल का आरम्भ किया है. UMMID का पूरा नाम है – Unique Methods of Management and treatment of Inherited Disorders.
इस पहल का ध्येय डॉक्टरों में वंशानुगत विकृतियों के विषय में जागरूकता उत्पन्न करना है तथा साथ ही अस्पतालों में मोलेक्यूलर निदान की सुविधाएँ स्थापित करना है जिससे कि आनुवंशिक चिकित्सा विज्ञान में हो रहे विकास का लाभ भारत के रोगियों तक पहुँचाया जा सके.
UMMID SCHEME का उद्देश्य
- सरकारी अस्पतालों में ऐसे निदान (National Inherited Diseases Administration – NIDAN) केंद्र स्थापित करना जहाँ रोगियों को मंत्रणा दी जाए और साथ ही जन्म-पूर्व परीक्षण, निदान, प्रबंधन एवं बहुविध देखभाल की सुविधा हो. विदित हो कि सरकारी अस्पतालों में ही रोगी उपचार के लिए अधिक आते हैं.
- मानव आनुवंशिकी में सिद्धहस्त डॉक्टर पैदा करना.
- आंकाक्षी जिलों में अवस्थित अस्पतालों में गर्भवती स्त्रियों और नवजात शिशुओं में वंशानुगत रोग है अथवा नहीं इसकी जाँच की सुविधा देना.
UMMID योजना का माहात्म्य
देखा जाता है कि भारत के शहरों में नवजात की मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण वंशानुगत विकृतियाँ ही होती हैं. ऐसा इसलिए होता है कि हमारे यहाँ जनसंख्या विशाल है और जन्म दर भी ऊँची है. इसके अतिरिक्त इन रोगों का एक बड़ा कारण कुछ समुदायों में एक ही रक्त के बीच विवाह होना भी है. अतः वंशानुगत रोगों से ग्रस्त लोगों के उपचार के लिए UMMID जैसी पहल का माहात्म्य सरलता से समझा जा सकता है.
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