Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2020

संविधान विश्व

भारतीय संविधान  विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है|  जहां अमेरिकी संविधान में कुल 7 अनुच्छेद, कनाडा के संविधान में 147, ऑस्ट्रेलिया के संविधान में, 128 दक्षिण अफ्रीका के संविधान में 153, स्विट्जरलैंड के संविधान में 123, तथा जापान के संविधान में 103 अनुच्छेद है, वही भारत मूल संविधान में 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभक्त) 8 अनुसूचियां तथा एक प्रस्तावना शामिल है|  इस संविधान का अभी भी विस्तार हो रहा है वर्तमान में इस संविधान में गणना के हिसाब से कुल 450 अनुच्छेद (24 भागों में विभक्त) तथा  12  अनुसूचियां, एक प्रस्तावना तथा 5 परिशिष्ट हैं| भारतीय संविधान कितना विस्तृत है इसकी जानकारी इस बात से सम मिलती है कि जहां अमेरिका के संविधान में लगभग 4500 शब्द हैं वहीं भारतीय संविधान में कुल 177369 शब्द शामिल हैं| विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय संविधान की विशालता का मुख्य कारण उसका विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र (लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर), केंद्र तथा राज्यों के लिए एक ही संविधान जातिगत एवं भाषागत विशेषताएं (लगभग 2000 जातियां एवं 45,000 उपजातियां तथा 1652 भाषाएं) तथा संविधान सभा में...

भारतीय संविधान संशोधन

Home GK/GS GK/GS भारतीय संविधान में हुए संशोधन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ By  Sarkari Book   Last updated  Jan 3, 2019   Share भारतीय संविधान में हुए संशोधन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ- Hello Readers ,जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन सभी के लिए आज हम बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी share कर रहे हैं| यह जानकारी  “भारतीय संविधान में हुए संशोधन”  से जुड़ा  हुवा है| यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है, इस तरह की जानकारी competitive exams में पुछा जाता है| जो छात्र विभिन्न प्रकार के परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं ओ सभी इस जानकारी को यह कर लें| आप सभी इस जानकारी को PDF में भी download कर सकते हैं| Download करने का Button नीचे दिया गया है| भारतीय संविधान में हुए संशोधन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ भारत के संविधान में पहला संशोधन जो 1951 में किया गया, उसमें क्या संशोधन किया गया? ⇒  इस संशोधन के द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया| भारत के संविधान में दूसरा संशोधन जो 1952 में किया गया, उसमें क्या संशोधन किया गया? ⇒  ...

अनुच्छेद

अनुच्छेद 1* :-  संघ का नाम और राज्य क्षेत्र *अनुच्छेद 2* :-  नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना *अनुच्छेद 3* :-  राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे परिवर्तन *अनुच्छेद 4* :-  पहली अनुसूचित व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां *अच्नुछेद 5* :-  संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता *अनुच्छेद 6* :-  भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता *अनुच्छेद 7* :- पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता *अनुच्छेद 8* :-  भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता *अनुच्छेद 9* :-  विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना *अनुच्छेद 10* :-  नागरिकता के अधिकारों का बना रहना *अनुच्छेद 11* :-  संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन *अनुच्छेद 12* :-  राज्य की परिभाषा *अनुच्छेद 13* :-  मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां *अनुच्छेद 14* :-  विधि के समक्ष समानता *अनुच्छेद 15* :-  धर्म जाति लिंग पर भेद का प्रतिशेध *अनुच्छेद 16* :-  लोक नियोजन में अवसर की समानता *अनुच्छेद 17* :-  अस्पृश्य...

आधुनिक इतिहास

अंग्रेजों की उपनिवेशवादी नीतियों के खिलाफ जब पूरा देश उठ खड़ा हुआ था तो मध्य प्रदेश भी उससे अछूता नहीं रहा. 1818 ई. में प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में सर्वप्रथम विद्रोह की चिंगारी दिखाई पड़ी थी. जब नागपुर के तत्कालीन देशभक्त शासक अप्पा जी भोंसले को अंग्रेजों ने मण्डला, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी और नर्मदा कछार का क्षेत्र छोड़ देने हेतु बाध्य किया. ऐसी स्थिति में अप्पा जी ने अंग्रेजों से युद्ध किया, लेकिन उन्हें पराजित होकर भागना पड़ा.   1833 में रामगढ़ नरेश जुझारू सिहं के पुत्र दवेनाथ सिहं ने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध किया तो, किन्तु वे भी असफल रहे. दुर्राम की संधि के नाराज चन्द्रपुर (सागर) के जवारहट सिहं बुंदेला, भरहुत के मधुकर शाह, मदनपुर के गोंड मुखिया दिल्हन शाह और  हीरापुर के हीरेनशाह ने अंग्रेजों के विरुद्ध 1842 में बगावत के झंडे गाड़ दिये. इस प्रकार सागर, दमोह, नरसिंहपुर से लेकर जबलपुर, मण्डला और होशंगाबाद तक के सारे क्षेत्र में विद्रोह की आग भड़क उठी, लेकिन आपसी सामंजस्य और तालमेल के अभाव में इस प्रयास को अंग्रेज दबाने में सफल रहे.   अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीय लोग...

आधुनिक इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में भारतीय राष्ट्रीय नेताओं ने ब्रिटेन के युद्ध प्रस्तावों का स्वागत किया था. प्रथम विश्व युद्ध  ने यूरोपियनों की जातीय श्रेष्ठता की भावना को समाप्त कर दिया. तिलक ने अप्रैल 1916 में बम्बई के बेलगांव में अपने होमरूल लीग का गठन किया. इसका गठन बम्बई प्रांतीय सभा में किया गया. इसकी गतिविधियां मध्यप्रांत, महाराष्ट्र (बम्बई को छोड़कर), कनार्टक आरै बरार तक सीमित थीं. बाल गंगाधर तिलक  का नारा था, ‘ स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा. ’ श्रीमती एनी बेसेंट ने सितम्बर 1916 में मद्रास के गोखले सभागार में  हामेरूल लीग  शुरू किया. जार्ज अरुण्डेल इसके सगंठन मंत्री बनाये गये. एनी बेसेंट का लीग तिलक के लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रा को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में सक्रिय था. एनी बेसेंट तथा उनके सहयोगी वी. पी. वाडिया और  अरुण्डेल  को मद्रास सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था. 1916 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में राष्ट्रीय महत्त्व की दो घटनाएं घटीं- (1) कांग्रेस के नरमपंथी और गरमपंथी नेता अपने मतभेद भूलाकर एक हो गये. अतः 1907 के बाद यह प्रथ...

युद्धों

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 ई. में हुई थी. कपंनी का भारतीय रियासतों से समानता के लिए संघर्ष का काल 1740-65 है. इस काल में कंपनी ने प्लासी (1757) एवं बक्सर (1764) के युद्धों में जीत हासिल की. घेरे की नीति का काल 1765-1813 है. लार्ड वेलेजली ने भारत में कपंनी का सनिक प्रभुत्व स्थापित किया. लार्ड हेस्टिंग्ज ने भारत में कपंनी की राजनैतिक सर्वश्रेष्ठता स्थापित की. लार्ड हेस्टिंग्ज के समय से अधीनस्थ पार्थक्य की नीति (1813-1857) शुरू हुई. लार्ड वेलेजली द्वारा शुरू किये गये सहायक सन्धि को स्वीकार करने वाले राज्य थे – हैदराबाद (1798 और 1800), मैसूर (1799), तंजौर (1799), अवध (1801), पेशवा (1801), भोंसले (1803), सिन्धिया (1804), जोधपुर, जयपुर, मच्छेड़ी, बूंदी, भरतपुर. लार्ड डलहौजी के व्यपगत के सिद्दांत के अनुसार विलय किये गये राज्य थे – सतारा (1848), जैतपुर एवं संभलपुर (1849), बघाट (1850), उदयपुर (1852), झांसी (1853) और नागपुर (1854. कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर्स ने करौली के विलय की आज्ञा नहीं दी थी तथा लार्ड कैनिंग ने बघाट और उदयपुर राज्य वापस कर दिए थे. 1856 में अवध को कुप्रशासन के आधार पर ब्रिटिश स...

सॉवरेन गोल्‍ड बांड योजना 2020

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी करने का निर्णय लिया है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक जारी किए जाएंगे, जोनिम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे : क्रम संख्या सीरीज खरीदने के लिए आवेदन की अवधि बॉन्ड जारी करने की तिथि 1. 2020-21 सीरीजI 20-24अप्रैल 2020 28अप्रैल2020 2. 2020-21 सीरीजII 11-15 मई2020 19 मई2020 3. 2020-21 सीरीजIII 08-12 जून2020 16 जून2020 4. 2020-21 सीरीजIV 06-10जुलाई2020 14जुलाई2020 5. 2020-21 सीरीजV  03-07,अगस्त2020 11अगस्त2020 6. 2020-21 सीरीजVI 31अगस्त- 04 सितंबर2020 08सितंबर2020   बांडों की बिक्री अनुसूचित बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी। बांड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है: क्रम संख्या मद विवरण...

योजना की LIST

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सहभागी प्रत्याभूति योजना बाजार हस्तक्षेप मूल्य योजना प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना Price Deficiency Payment (PDP) योजना – मूल्य अंतराल भुगतान ( Click for its detail ) परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना हरित क्रांति – कृषोन्नति योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( Click for its detail ) राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कृषि बाजार (e-NAM) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ( Click for its detail ) कृषि के लिए व्‍यापक राष्‍ट्रीय पहल- NICRA ( PIB link ) कृषि विज्ञान केंद्र ( Click for its detail ) मेरा गाँव – मेरा गौरव राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, RKVY पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा योजना ई-राष्ट्रीय किसान अग्री मंडी (e-RaKAM) प्रोजेक्ट चमन मिशन फिन्गरलिंग कृषि विस्तार और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय मिशन (NMAET) डेयरी क्षेत्र राष्ट्रीय गोकुल मिशन राष्ट्रीय डेयरी प्लान – I पशुधन संजीवनी ई-पशुधन हाट पोर्टल “क्वालिटी मार्क” पुरस्कार योजना रसायन और उर्वरक मंत्रालय सिटी कम्पोस्ट योजना प्रधानमंत्री जन औषधि योजना प्रधा...

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

भारत सरकार  प्रधानमंत्री किसान मानधन नामक एक योजना (PM-KMY)  चालू करने जा रही है. जिसका उद्देश्य होगा देश के  छोटे और सीमान्त किसानों के जीवन में सुधार लाना . प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की विशेषताएँ PM किसान मानधन योजना   एक स्वैच्छिक एवं अंशदान वाली योजना है जिसमें  18  से  40  वर्ष की आयु के किसान  प्रवेश पा सकते हैं. जब किसान  60  वर्ष  का हो जाएगा तो उसको प्रत्येक महीने  पेंशन के रूप में  3,000  रु.  मिलेंगे. किसान की पत्नी भी 3,000 रु. की पेंशन अलग से पा सकती है, परन्तु उसे अलग से अपना अंशदान देना होगा. योजना के लिए गठित पेंशन कोष में किसान को अपनी उम्र के हिसाब से  55  रु. से लेकर  200  रु.  तक का मासिक अंशदान तब तक देते रहना होगा जब तक वह 60 वर्ष का नहीं हो जाता है. पेंशन कोष में केंद्र सरकार भी उतने ही पैसे का अंशदान करेगी जितना कोई किसान अपने लिए करता है. पेंशन कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के हाथ में रहेगा और वही पेंशन देने का भी काम करेगा. यदि लाभार्थ...

बाजार हस्तक्षेप मूल्य योजना – MARKET INTERVENTION PRICE SCHEME

बाजार हस्तक्षेप मूल्य योजना  (Market Intervention Price Scheme) के अंतर्गत भारत सरकार इस मौसम में 12 लाख मेट्रिक टन सेब खरीदने की योजना बना रही है. बाजार हस्तक्षेप मूल्य योजना क्या है? यह एक मूल्य समर्थन तंत्र है  जिसका कार्यान्वयन केंद्र सरकार राज्य सरकारों के अनुरोध पर करती है. जब बाजार में किसी नष्ट हो जाने वाली सामग्री एवं बागबानी की सामग्री का मूल्य गिर जाता है तो सरकार उस सामग्री का क्रय किया करती है. इस योजना का कार्यान्वयन तब होता है जब पिछले सामान्य वर्ष में वस्तु का जो दाम चल रहा था उसमें  कम से कम  10%  का ह्रास हुआ हो अथवा उस वस्तु का  कम से कम  10%  उत्पादन बढ़ गया हो . जिस मौसम में किसी अनाज या फल बड़े पैमाने पर पैदा होते हैं तो उनके दाम तेजी से गिरने लगते हैं और किसान हड़बड़ा कर उनको कम दामों पर बेचने लगता है. किसान को इस स्थिति से उबारना ही इस योजना का ध्येय है. इस योजना का कार्यान्वयन  कृषि एवं सहकारिता विभाग  करता है. MARKET INTERVENTION PRICE SCHEME का वित्तपोषण MIPS योजना के अंतर्गत राज्यों को धनराशि आवंटित नहीं की जाती. ...

NIRVIK योजना जानें – NIRVIK SCHEME

ऋण मुहैया कराने की प्रक्रिया सरल बनाने और निर्यातकों के लिए ऋण की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से  भारतीय निर्यात साख प्रत्याभूति निगम  (Export Credit Guarantee Corporation of India –  ECGC ) ने  “निर्वीक /  NIRVIK”  नामक एक योजना चलाई है. यह योजना वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन है. NIRVIK  योजना की मुख्य विशेषताएँ इसके अंतर्गत गारंटी की गई बीमा ऋण के मूल और ब्याज का 90% कवर करेगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ब्याज विदेश निर्यात के लिए 4% से कम और रूपये में निर्यात के लिए 8% से कम रहे. इस बीमा के अन्दर सामान भेजने के पहले और सामान भेजने के बाद दोनों ऋण आएंगे. रत्न, गहने और हीरे का व्यापार करने वाले तथा  80  करोड़ रु. से ऊपर के खाते वाले निर्यातकों  के लिए प्रीमियम की दर अन्य निर्यातकों की तुलना में अधिक होगी क्योंकि उनके माल में क्षति का अनुपात अधिक होता है. जिन निर्यातकों के खाते 80 करोड़ रु. से कम के हैं उनके लिए प्रीमियम की दर प्रत्येक वर्ष 60 घटा दी जायेगी तथा जिनके खाते 80 करोड़ रु. से ऊपर के हैं उनके लिए दरें 0.72 प्रतिवर्ष होंगी. 10...

UMMID योजना – ‘UMMID’ INITIATIVE

भारत सरकार ने नवजात शिशुओं में होने वाले वंशानुगत रोगों के उपचार के लिए  “उम्मीद”  नामक एक पहल का आरम्भ किया है. UMMID का पूरा नाम है –  U nique  M ethods of  M anagement and treatment of  I nherited  D isorders. यह योजना जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इस अवधारणा के अनुसार तैयार की गई है कि  बचाव उपचार से बेहतर होता है . इस पहल का ध्येय  डॉक्टरों में वंशानुगत विकृतियों के विषय में जागरूकता उत्पन्न करना है तथा साथ ही अस्पतालों में मोलेक्यूलर निदान की सुविधाएँ स्थापित करना है जिससे कि आनुवंशिक चिकित्सा विज्ञान में हो रहे विकास का लाभ भारत के रोगियों तक पहुँचाया जा सके. UMMID SCHEME  का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में ऐसे निदान (National Inherited Diseases Administration – NIDAN) केंद्र स्थापित करना जहाँ रोगियों को मंत्रणा दी जाए और साथ ही जन्म-पूर्व परीक्षण, निदान, प्रबंधन एवं बहुविध देखभाल की सुविधा हो. विदित हो कि सरकारी अस्पतालों में ही रोगी उपचार के लिए अधिक आते हैं. मानव आनुवंशिकी में सिद्धहस्त डॉक्टर पैदा करना. आंकाक्षी जिलों में अवस्...